UGC Approved Journal no 63975(19)

ISSN: 2349-5162 | ESTD Year : 2014
Call for Paper
Volume 11 | Issue 4 | April 2024

JETIREXPLORE- Search Thousands of research papers



WhatsApp Contact
Click Here

Published in:

Volume 3 Issue 4
April-2016
eISSN: 2349-5162

UGC and ISSN approved 7.95 impact factor UGC Approved Journal no 63975

7.95 impact factor calculated by Google scholar

Unique Identifier

Published Paper ID:
JETIR1701903


Registration ID:
506958

Page Number

419-420

Share This Article


Jetir RMS

Title

भारत में विदेशी निवेश आवश्यकता, परिणाम एवं सुझाव

Abstract

अर्थव्यवस्था के अनेक रूप विद्यमान हैं जिसमें गरीब, अविकसित, पिछड़ी, अर्द्ध विकासित व विकासशील मुख्य हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में देखा जाए तो उसे हम विकासशील अर्थव्यवस्था वाला देश कहेंगे। अर्थव्यवस्था की धुरी वित्त होती हैं जिस प्रकार एक मनुष्य दिल की धड़कनो पर जीवित रहता हैं उसी प्रकार अर्थव्यवस्था को जीवित रखने के लिए वित्त की आवश्यकता होती हैं। भारत में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता हैं मानव संसाधन की दृष्टि से भारत दुनियां का सबसे धनी देश कहा जाता हैं लेकिन यही इसकी कमी भी हैं कि इन संसाधनो का सही उपयोग नहीं हो पा रहा हैं और देश आज भी विकसित श्रेणी के राष्ट्र में अपना स्थान नहीं पा सका हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के धीमी गति से विकास होने के मुख्य कारण यहां की प्रति व्यक्ति आय का कम होना हैं प्रति व्यक्ति आय कम होने के कारण जनता में बचत न के बराबर होती हैं और इस कारण से देश में पूंजी निर्माण की प्रक्रिया धीमी हैं विकसित अर्थव्यवस्था की कुंजी उद्योग धंधे हैं तो उद्योग धंधो का जीवन रक्त पूंजी है इसके अभाव में विकसित राष्ट्र बनने की कल्पना नहीं की जा सकती। देश पूंजी निर्माण की कमी को देखते हुए अप्रैल 1948 में भारत सरकार की औद्योगिक नीति प्रस्ताव में औद्योगिकरण के लिए विदेशी पूंजी की उपयोगिता को स्वीकार किया गया। दूसरी पंचवर्षीय योजना में औद्योगिकरण को गति देने हेतु देश में विदेशी पूंजी का सहारा लेना पड़ा और आज विदेशी पूंजी आवश्यकता बन गई हैं इसका सबूत यह हैं कि हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी विदेशों में जाकर देश में निवेश हेतु निमंत्रण दे रहे हैं उनके शब्दों में एफ. डी. आय का अर्थ फर्स्ट डेव्लप इंडिया हैं। वही म.प्र. के मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा दिनांक 08 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2014 तक इन्दौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समीट का आयोजन कर यह साबित कर दिया हैं कि यदि विकास की राह पर अग्रसर होकर विकसित राष्ट्र की श्रेणी में काबिज होना हैं तो विदेशी निवेश को नकारा नहीं जा सकता।

Key Words

-

Cite This Article

"भारत में विदेशी निवेश आवश्यकता, परिणाम एवं सुझाव", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org), ISSN:2349-5162, Vol.3, Issue 4, page no.419-420, April-2016, Available :http://www.jetir.org/papers/JETIR1701903.pdf

ISSN


2349-5162 | Impact Factor 7.95 Calculate by Google Scholar

An International Scholarly Open Access Journal, Peer-Reviewed, Refereed Journal Impact Factor 7.95 Calculate by Google Scholar and Semantic Scholar | AI-Powered Research Tool, Multidisciplinary, Monthly, Multilanguage Journal Indexing in All Major Database & Metadata, Citation Generator

Cite This Article

"भारत में विदेशी निवेश आवश्यकता, परिणाम एवं सुझाव", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org | UGC and issn Approved), ISSN:2349-5162, Vol.3, Issue 4, page no. pp419-420, April-2016, Available at : http://www.jetir.org/papers/JETIR1701903.pdf

Publication Details

Published Paper ID: JETIR1701903
Registration ID: 506958
Published In: Volume 3 | Issue 4 | Year April-2016
DOI (Digital Object Identifier):
Page No: 419-420
Country: -, -, India .
Area: Engineering
ISSN Number: 2349-5162
Publisher: IJ Publication


Preview This Article


Downlaod

Click here for Article Preview

Download PDF

Downloads

000160

Print This Page

Current Call For Paper

Jetir RMS