Title
ROLE OF CHATRA DISTRICT IN FREEDOM MOVEMENT
Abstract
स्वतंत्रता आन्दोलन में चतरा जिला का योगदान
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास में तत्कालीन बिहार का छोटानागपुर क्षेत्र एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस क्षेत्र से भगवान बिरसा मुण्डा, सिद्धो-कानो, तिलका मांझी, जतरा उराँव आदि अनेक वीर सपूतों ने स्वतंत्रता की लड़ाई मेें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। बाद में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नेतृत्व में आजादी का आंदोलन शुरू हुआ तब छोटानागपुर के हजारीबाग जिले से बाबू रामनारायण सिंह, कृष्णबल्लभ सहाय, दीपनारायण सिंह, शालिग्राम सिंह, सुखलाल सिंह जैसे नेताओं का आगमन हुआ । जिन्होनें अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया।
चतरा के स्वतंत्रता सेनानियों ने 1942 के निर्णायक आंदोलन में वत्र्तमान चतरा जिले के हंटरगंज (चतरा) क्षेत्र के लोगों को चैकीदारी टैक्स नहीं देने के लिए गोलबंद कर रहे थे । दिवाली की रात 9 नवम्बर 1942 को हजारीबाग सेन्ट्रल जेल से जयप्रकाश नारायण अपने पाँच साथियों के साथ जेल से भाग निकले। इनमें स्वतंत्रता सेनानी शालिग्राम सिंह भी शामिल थे। वे गाँधी जी के विचारों से बहुत प्रभावति थे । कृष्ण बल्लभ सहाय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बिहार सरकार में राजस्व मंत्री का पद सम्भाला एवम् जमींदारी उन्मूलन के लिए इन्होंने विशेष प्रयास किया । बाबू रामनारायण सिंह सदैव सत्ता से दूर रहकर संघर्ष किया तथा स्वतंत्रता के बाद भी जनता के हक की लड़ाई लड़ते रहे । उस समय चतरा हजारीबाग जिले का एक अनुमण्डल था।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय आंदोलन में झारखण्ड से जो स्वतंत्रता सेनानी उभरे, उनमें से कई का संबंध चतरा जिले से रहा। इसके अध्ययन से चतरा जिले के गौरवशाली इतिहास का वर्तमान पीढ़ी को ज्ञान होगा तथा उनके भीतर अपने गौरवशाली अतीत को कायम रखने का दायित्व बोध होगा। इस प्रस्तावित शोध-कार्य का मुख्य परिकल्पना यह है कि वत्र्तमान का चतरा जिला जो ब्रिटिशकालीन अनुमंडल रहा है, स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ महात्मा गाँधी ने आंदोलन का जो शंखनाद पूरे देश में किया उसका बहुत ही व्यापक और गहरा प्रभाव चतरा पर पड़ा। परन्तु वत्र्तमान चतरा जिले की जो समस्याएँ है, विशेषकर उग्रवाद के कारण जो छवि पूरे देश मे चतरा की बनी है, विकास की यात्रा में कई मोर्चों पर यह जिला पिछड़ा हुआ है। वैसी स्थिति में यहाँ की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासतों से नई पीढ़ी को ज्ञान कराना एक आवश्यक कार्य हो सकता है ताकि लोगों के भीतर राष्ट्र के विकास में उनके पूर्वजों के योगदान की जानकारी हो तथा अपने गौरवशाली विरासत का दायित्व बोध हो। निश्चित रूप से जब नई पीढ़ी में यह बोध उत्पन्न होगा तो भटकाव की प्रक्रिया पर रोक लगेगी तथा समाज, प्रदेश तथा देश के विकास में अपनी महत्ती भूमिका सुनिश्चित होगी । हमारी परिकल्पना है कि स्वाधीनता आंदोलन में चतरा जिले की भूमिका पूरे झारखण्ड में एक विशेष पहचान रखती है तथा स्वाधीनता संग्राम के इतिहास लेखन में यत्र-तत्र इसके उल्लेख भी मिलते है लेकिन विस्तारपूर्वक इस विषय पर शोध किया जाना बाकी है। निश्चित रूप से इस कार्य से कई ऐसे विवरण नई सूचनाएँ तथा तथ्य सामने आऐंगे जो अब तक अतीत के पन्ने में दबे हुए हैं।
Key Words
FREEDOM MOVEMENT AND CHATRA
Cite This Article
"ROLE OF CHATRA DISTRICT IN FREEDOM MOVEMENT", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org), ISSN:2349-5162, Vol.7, Issue 7, page no.1390-1393, July-2020, Available :
http://www.jetir.org/papers/JETIR2007171.pdf
ISSN
2349-5162 | Impact Factor 7.95 Calculate by Google Scholar
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"ROLE OF CHATRA DISTRICT IN FREEDOM MOVEMENT", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org | UGC and issn Approved), ISSN:2349-5162, Vol.7, Issue 7, page no. pp1390-1393, July-2020, Available at : http://www.jetir.org/papers/JETIR2007171.pdf
Publication Details
Published Paper ID: JETIR2007171
Registration ID: 235081
Published In: Volume 7 | Issue 7 | Year July-2020
DOI (Digital Object Identifier):
Page No: 1390-1393
Country: HAZARIBAG, JHARKHAND, India .
Area: Arts
ISSN Number: 2349-5162
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