Abstract
भूमि को जोतने, फसल को उगाने और काटने, पशुओं को पालने और पशुधन को बढ़ाने के विज्ञान अथवा कला के नाम से जाना जाता है। विस्तृत आधुनिक अर्थों में, 'कृषि' में मानव के लिये लाभदायक पौधों को उगाना और पशुओं को पालना आता है, अपितु इनके विपणन से सम्बंधित कई प्रक्रियाएं भी इसमें सम्मिलित की जाती हैं।
जनपद गोण्डा में उपोषण जलवायु वर्षा की असमानता, वर्षा की अनिश्चितता, वर्षा की अनियमितता, वर्षा का मौसमीपन, फसलों की बहुलता, फसलों की विशेषता, व्यापारिक फैसले, मिट्टी की प्रकृति, आदि के कारण लगभग हर मौसम में सिंचाई की आवश्यकता रहती है। जनपद गोण्डा में वर्ष 2018-19 के अनुसार 401038 हेक्टर कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल है जिसमें 12850 हेक्टेयर वन क्षेत्र, 5677 हेक्टेयर कृषि बेकार भूमि, 14869 हेक्टेयर वर्तमान परती भूमि, 15519 हेक्टेयर अन्य , 375 हेक्टेयरएवं कृषि के योग्य भूमि, 57545 हेक्टेयर कृषि के अतिरिक्त अन्य उपयोग की भूमि, 1849 हेक्टर चारागाह भूमि, 7894 उद्यानों वृक्षों एवं झाड़ियां का क्षेत्रफल हेतु भूमि उपलब्ध है। जनपद गोण्डा में वर्ष 2018-19 के अनुसार 211 हेक्टेयर भूमि नहर द्वारा, 2198 हेक्टेयर भूमि राजकीय नलकूप द्वारा, 24,4961 हेक्टेयर भूमि निजी नलकूप द्वारा, 2202 हेक्टेयर भूमि कुआँ द्वारा, 145 हेक्टेयर भूमि तालाब द्वारा, एवं 408 हेक्टेयर भूमि अन्य साधनों द्वारा सिंचाई की जाती हैं। जनपद गोण्डा में नेहरो की कुल लंबाई 1351 किलोमीटर है जनपद गोण्डा में राजकीय नलकूप की संख्या 590 है, पक्के कुआं की संख्या 14 है भू-स्तरीय पम्पसेट की संख्या 28 है, उथले नलकूप की संख्या 128986 है, गहरी नलकूपों की संख्या 2 है ।