UGC Approved Journal no 63975(19)

ISSN: 2349-5162 | ESTD Year : 2014
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Volume 11 | Issue 4 | April 2024

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Published in:

Volume 4 Issue 4
April-2017
eISSN: 2349-5162

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Published Paper ID:
JETIR1704131


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506643

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697-701

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Jetir RMS

Title

भारत में आर्थिक उदारीकरण का राष्ट्रीयकृत बैंको की कार्यप्रणाली पर प्रभाव

Abstract

आर्थिक उदारीकरण किसी भी राष्ट्र के विकास का अनिवार्य अंग बन चुका हैए भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप मिश्रित होने के कारण सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की शक्तियों का उपयोग राष्ट्र हित में सम्भव था फिर भी सत्तर के दशक से ही यह महसूस किया जाने लगा कि सार्वजनिक क्षेत्र राष्ट्रीय विकास में अपेक्षित लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पा रहे है तथा निजी क्षेत्र प्रशासनिक जटिलताओं एवं कठोर कानून व्यवस्था के कारण अपेक्षित गति से अपना योगदान नहीं कर पा रहे हैं। अस्सी के दशक के प्रारम्भिक वर्षो में सार्वजनिक क्षेत्र में निजी क्षेत्र के प्रवेश का श्री गणेश हुआ किन्तु सरकार किसी भी प्रकार के स्पष्ट वक्तव्य देने से बचती रही। इसी दशक के मध्य में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वण् राजीव गाँधी ने राष्ट्र को दिए अपने सम्बोधन में घोषणा की कि सार्वजनिक क्षेत्र का विकास उन क्षेत्रों में किया जाए जहाँ पर निजी क्षेत्र अक्षम हो इसके पश्चात गरीबी उन्मुलन कार्यक्रम के साथ स्थायी विकास के प्रयत्न प्रारंभ हुए। भारत सरकार द्वारा 30 जनवरी 1986 को एमण् आरण् टीण् पीण् एंव फैरा एक्ट में संशोधन किया गया। इस संसोधन के परिणामस्वरूप 23 उद्योगों को छोड़कर एमण् आरण् टीण् पीण् एंव फैरा एक्ट के लाइसेंस से मुक्ति मिली। देश के औद्यौगिक पिछड़ापन को दूर करने के लिए भारत सरकार के द्वारा जून 1988 में औद्योगिक लाइसेंस प्रणाली में उदारीकरण को इस रूप में समावेषित किया गया कि 56 के स्थान पर केवल 26 उद्योगों के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता को कायम रखा गया । भारत सरकार द्वारा उदारीकरण की प्रक्रिया को गति देने के लिए आर्थिक नीति में अनेक बदलाव किए गए। इन बदलाव में औद्योगिक नीतिए विदेशी मुद्रा विनिमय प्रणालीए विदेशी व्यापारए आयात निर्यात नीतिए मौद्रिक नीति आदि में परिवर्तन किये गये। जुलाई 1991 को सरकार ने नई औद्यौगिक नीति की घोषणा की। इस नीति के अन्तर्गत यहाँ ध्यान में रखा गया कि देश में विद्यमान इंस्पेक्टर राज प्रणाली से देश की औद्योगिक विरादरी को राहत उपलब्ध कराई जाएए जिससे देश का आर्थिक वातावरण सुदृढ़ हो सके।

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"भारत में आर्थिक उदारीकरण का राष्ट्रीयकृत बैंको की कार्यप्रणाली पर प्रभाव", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org), ISSN:2349-5162, Vol.4, Issue 4, page no.697-701, April-2017, Available :http://www.jetir.org/papers/JETIR1704131.pdf

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"भारत में आर्थिक उदारीकरण का राष्ट्रीयकृत बैंको की कार्यप्रणाली पर प्रभाव", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org | UGC and issn Approved), ISSN:2349-5162, Vol.4, Issue 4, page no. pp697-701, April-2017, Available at : http://www.jetir.org/papers/JETIR1704131.pdf

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Published Paper ID: JETIR1704131
Registration ID: 506643
Published In: Volume 4 | Issue 4 | Year April-2017
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Page No: 697-701
Country: -, -, India .
Area: Other
ISSN Number: 2349-5162
Publisher: IJ Publication


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