Abstract
िहमाचल Ůदेश, िजसेदेवभूिम और िशव भूिम के नाम सेजाना जाता है, एक अलौिकक Ůदेश है। यहां िविभɄ Ɨेũों
मŐिविवध Ůकार की भाषा, संˋृ ित, और रीित-įरवाज हœ, तथा िविवध Ůकार के धािमŊक सांˋृ ितक कायŊŢम मनाए
जातेहœ। िहमाचल Ůदेश मŐिविभɄ समुदाय भी िनवास करतेहœ, जो अपनी संˋृ ित, भाषा, पहचान, और रीितįरवाज के िलए जानेजातेहœ। इनमŐसेएक िवशेष समुदाय गȞी है, जो मूलतः भरमौर, चंबा, और कांगड़ा मŐिनवास
करतेहœ। यह समुदाय अपनी िवशेष संˋृ ित, पहनावा, भाषा, और ȑोहारोंसेअपनी िवशेष पहचान रखता है। गȞी
समुदाय मŐिविभɄ Ůकार के ȑोहार, पूजा, और सांˋृ ितक कायŊŢम मनाए जातेहœ, िजसमŐसेएक िवशेष
सांˋृ ितक और धािमŊक पूजन नुवाला भी है।इस शोध का मुƥ उȞेʴ नुवाला की िवशेषता और महȕ का वणŊन
करना है, और साथ ही साथ वतŊमान मŐइसकी Ůासंिगकता का अȯयन करना है। Ůˑुत शोध पũ Ůाथिमक
आंकड़ोंपर आधाįरत है, और आंकड़ोंका संकलन ŮȑƗ साƗाǽार और सामूिहक चचाŊके Ȫारा िकया गया है।
आंकड़ोंका संकलन 20 लोगों सेिकया गया है, जो मुƥतः जो मुƥतः नुवाला पूजन सेसंबंध रखतेहœ। एकिũत
आंकड़ों का िवʶेषण वणŊनाȏक शोध िविध Ȫारा िकया गया है।Ůˑुत शोध पũ का संिƗɑ िनʺषŊयह हैिक
नुवाला गȞी समुदाय मŐिशव भगवान की आ̾थाओं को ŮदिशŊत करता है। नुवाला पूजन को मनानेकी िविध की
जानकारी कु छ एक िगनेचुनेपुजारी और बुजुगŘ के पास ही उपलɩ है, और वतŊमान मŐइसका अलग-अलग
ˢŝप पाया जाता है, तथा नुवालेमŐअलग-अलग वाȨ यंũोंऔर गायन की ऐचं ली Ůयोग होती है। शोध पũ का
अɊ पįरणाम यह भी िनकलता हैिक वतŊमान मŐनुवालेके वाˑिवक ˢŝप की जानकारी बŠत ही सीिमत लोगों
के पास है, मुƥतः कु छ एक बुजुगŘ के पास है, तथा युवाओं के पास इसकी जानकारी का अभाव पाया गया है।
शोध पũ हमŐयह भी िनʺषŊदेता हैिक गायन तथा वȨ यंũोंका भी पूणŊतः संǒान नहींहै, तथा धीरे-धीरेिवलुɑ होने
की कगार पर है। शोध पũ सुझाव Ůˑुत करता हैिक वालेजैसेिवशेष सांˋृ ितक व धािमŊक पूजन को यथावत
बनाए रखनेके िलए गȞी समुदाय को िनʿा सेइसका Ůचार Ůसार करनेकी आवʴकता है, तथा मूलत: युवाओं
को इसमŐसाथ लेनेकी आवʴकता हैिहमाचल सरकार को भी इस िवशेष पूजन को संजोए रखनेके िलए िविभɄ
कदम उठानेकी आवʴकता है, जैसेिक नुवालेको एक िवशेष ƥाित देना, तथा अनुदान का Ůावधान करना
िजससेिवशेष गȞी समुदाय का Ůचार Ůसार तथा ŮदशŊनी राǛ, राʼŌीय एं व अंतरराʼŌीय ˑर पर कर सकŐ।